Chhattisgarh में खरीदी का दौर शुरू होने वाला है हर साल नवंबर महीने से धान खरीदी की शुरुआत प्रदेश में होती है इस बार धान तिहाड़ की शुरुआत कब से होगी इसको लेकर मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक 30 सितंबर को बुलाई गई है
इस मीटिंग में धान खरीदी की कार्य योजना को लेकर भी चर्चा की जाएगी प्रदेश में कितने धान खरीदी केंद्र बनाए जाएंगे और धान के ताल से लेकर उठाओ तक के फैसलों पर मोहर लगेगी धान खरीदी और कस्टम बिलिंग के लिए मंत्रिमंडल यह उप समिति की बैठक 30 सितंबर को मंत्रालय के महानदी भवन में होगी दोपहर 12:00 से यह मीटिंग शुरू होगी इसमें आगामी खरीफ विपणन वर्ष की धान खरीदी और कस्टम मिलिंग की नीति पर चर्चा की जाएगी इस मीटिंग की अध्यक्षता खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल करेंगे आपको बता दें कि खरीफ विपणन वर्ष 2023 से 24 में समर्थन मूल्य प्रधान खरीदी की शुरुआत 1 नवंबर 2023 से की गई थी इस वर्ष धान खरीदी का लक्ष्य 130 लाख मैट्रिक टन रखा गया था कल 2686000 किसानों ने धान तिहार को लेकर रजिस्ट्रेशन कराया था जिसमें कुल पंजीकृत रकबा 32 लाख 22 हजार हेक्टेयर था
कल 2 लाख 59000 नए किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था इसके साथ ही साल 2023 से 24 को लेकर जारी खाद्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 144 लाख 92 हजार मैट्रिक धान की खरीदी हुई जो खरीफ विपन वर्ष 2022 से 23 की तुलना में 37 लाख 39000 में त्रिकोण ज्यादा थी साल 2024 में साई सरकार ने 31 जनवरी 2024 की धान खरीदी डेट को बढ़ाकर 4 फरवरी 2024 तय किया था जिससे कई किसानों को फायदा हुआ कल 24 लाख 72310 किसानों ने 4 फरवरी 2024 तक समर्थन मूल्य पर धान बेचा किसानों को धान खरीदी का 3068 करोड़ 81 लख रुपए का पेमेंट किया गया था तो 30 सितंबर को होने वाली मीटिंग में सरकार किसानों के लिए क्या कुछ फैसला लेती है यह तो देखने वाली बात होगी लेकिन छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर अगर आपकी कोई सुझाव है तो हमें कमेंट कर जरूर बताएं इस NEWS को ज्यादा ज्यादाशेयर करें
आपको बता दे की छत्तीसगढ़ में धान खरीदी 15 नवम्बर से शरू होगी |
New registration ka date kab tak hai
navmber se
Kya purana kishano ko registration karwana aniwarya hai.
bjp
15 नवंबर बहुत लेट हो जाएगा पूर्व वर्ष की तरह 1 नवंबर या 5 से शुरू होना चाहिए ताकि हम किसानों हमारे प्रमुख त्योहार दिवाली में कुछ खरीदारी कर सके और हमारा haruna किस्म की धान कटना स्टार्ट हो चुका है हमे डेढ़ महीना इन्तजार करना पड़ेगा जो किसान के हित में नहीं है
ji