Arrest of Devendra Yadav क्या गिरफ्तारी के बाद के बाद मा देवेंद्र यादव की अब विधायक की भी चली जाएगी क्या मा देवेंद्र यादव एमएलए नहीं रहेंगे इस पर देश का कानून आखिर क्या कहता है यह वह सवाल है जो देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी के बाद से ही चर्चा का विषय बने हुए हैं दरअसल बलोदा बाजार हिंसा मामले में विधायक देवेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है
शनिवार को दिन भर हाई वोल्टेज सीआरसी ड्रामा के बाद पुलिस ने यह गिरफ्तारी की इस दौरान पुलिस की समर्थकों से भी जमकर झड़प हुई गिरफ्तारी से पहले देवेंद्र यादव सफेद झंडा और एक पुस्तक पड़कर जोश में लड़ेंगे लड़ेंगे कहते थे इससे पहले बलौदा बाजार पुलिस भिलाई विधायक देवेंद्र यादव के घर पहुंची थी निवास के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ मौजूद रही पहले पुलिस को अंदर जाने नहीं दिया गया
इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज भी उनके निवास पर पहुंचे दीपक बैज अरुण बोरा समेत कई बड़े नेताओं के आने के बाद पुलिस अफसर से करीब दो-तीन घंटे की बातचीत चली और इसके बाद देश शाम पुलिस बल बुलाया गया और आखिरकार पुलिस ने देवेंद्र यादव को उनके आवास गिरफ्तार कर लिया इसके बाद पुलिस उन्हें लेकर बलोदा बाजार रवाना हो गई गिरफ्तारी के दौरान दीपक बैज अरुण बोरा समेत कब कांग्रेस के कई कार्यकर्ता भी मौजूद रहेगी बलोदा बाजार हिंसा मामले में देवेंद्र यादव को लगातार नोटिस जारी किया गया था चौथी बार नोटिस जारी होने के बाद विधायक ने बयान देने जाने से मना कर दिया उन्होंने कहा था
कि पुलिस को जो भी बयान लेना है उनके पास आकर लेकर जाएं गिरफ्तारी से पहले देवेंद्र यादव ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया की जेल में बंद सतनामी समाज के युवाओं को मेरे खिलाफ जबरन बयान देनेके लिए धमकाया जा रहा है उनसे यह बोलने के लिए कहा जा रहा है कि देवेंद्र यादव 12 गाड़ियों में भरकर लोगों के साथ आए थे देवेंद्र यादव एक बार 22 जुलाई को बलौदा बाजार पहुंचकर बयान दर्ज भी कर चुके हैं विधायक के मुताबिक को अपने राजनीतिक काम छोड़कर बार-बार बयान दर्ज कराने बलौदा बाजार नहीं आएंगे उन्होंने कहा कि मैं अपना जवाब पुलिस को भेज दिया है जरूरत पड़ने पर राज्यपाल से मुलाकात करूंगा और इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट की सहायता से वह इसका सामना करेंगे कलेक्ट्रेट में आगजनी के मामले में पूछता आज के लिए बलोदा बाजार पुलिस देवेंद्र यादव को इसके पहले तीन बार नोटिस जारी कर चुकी है
इसके बाद देवेंद्र यादव ने बलोदा बाजार जाकर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात भी की थी लेकिन इन सब के बीच बड़ा सवाल यह है की गिरफ्तारी के बाद क्या देवेंद्र यादव की आप विधायक की भी जाने वाली है
क्या कहता है कानून?
किसी भी विधायक की सदस्यता रद्द करने को लेकर देश में कानून बना हुआ है इस बारे में जनप्रतिनिधित्व कानून1951 में साफ-साफ लिखा हुआ है यह कानून कहता है कि अगर कोई व्यक्ति दोषी पाए जाने के बाद 2 साल या ज्यादा की सजा अदालत से पता है तो वह अयोग्य ठहराया जाएगा इसी मामले में राहुल गांधी और अफजाल अंसारी की लोकसभा सदस्यता को भी रद्द कर दिया गया था इस कानून के तहत लोकसभा से निष्कासित किए जाने के बाद व्यक्ति 6 साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाता है
हालांकि मौजूदा सदस्यों को इसमें एक छूट या राहत भी मिलती है इसके तहत मौजूदा सांसदों या विधायकों या विधान परिषद के सदस्यों को दोषी ठहराए जाने के दिन से अपील के लिए 3 महीने की छूट दी जाती है और इसी का लाभ राहुल गांधी को मिला और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था अभी देवेंद्र यादव को कोर्ट के समक्ष पेश किया जाना बाकी है मंगलवार को जब कोर्ट खुलेगा और कोर्ट में देवेंद्र यादव की पेशी होगी तब पता चलेगा कि कोर्ट इस पूरे मामले में आखिर क्या फैसला सुनाते हैं कुल मिलाकर देवेंद्र यादव के लिए अभीयह लड़ाई काफी लंबी दिखाई देती है और कोर्ट के फैसले के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि उनकी विधायक की बचेगी या नहीं आज के लिए