क्या बीएसएनल बन सकता है भारत का नया डाटा किंग 2024

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BSNL बनेगा DATA KING ? AIRTEL, JIO का Market अकेला खा जायेगा ? | Bsnl | Airtel | Jio

क्या बीएसएनल बन सकता है भारत का नया डाटा किंग एयरटेल जिओ का मार्केट क्या बीएसएनल कब्जा कर  सकता है यह बात सुनने और बोलने में ही अजीब सी लगती है क्योंकि बीएसएनल से ज्यादा एक्सपेक्टेशन आज के भारतीयों को नहीं बीएसएनएल ने जो अपने सर्विस का ग्राफ गिराया है वह हम सब उसके जो है प्रत्यक्ष दर्शी रहे

लेकिन दोस्तों मार्केट में हुई है कुछ ऐसी खलबली जिसके बाद बीएसएनल फिर से ट्रेड करने लगा बीएसएनल नया जिओ बन सकता है लेकिन उसके सामने कुछ बहुत बड़ी अड़चन है आज समझेंगे किस तरीके से मोबाइल कंपनियां लंबा पैसा चूसने की फिराक में है हम मोबाइल यूजर से और कैसे बीएसएनल हमको इस परेशानी से उभर सकता है और देश के लिए बड़े पैमाने पर रिसोर्सेस और रेवेन्यू जेनरेट कर सकता है लिए समझते हैं 

भारत के प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां एयरटेल जियो और vi ने अपना टैरिफ बढ़ा दिया मतलब डाटा महंगा फोन का रिचार्ज महंगा यानी की 10 से 27% तक की वृद्धि जरा सोचिए 27% तक वृद्धि आपके टैरिफ चार्ज यानी कि जो रिचार्ज ₹100 का मिल रहा होगा अब 127 का मिल सकता है

अब सवाल यह उठता है कि आखिर इन कंपनियों ने अचानक अपनी प्राइस क्यों बढ़ा दी तो इसके पीछे यह बात निकाल कर सामने आ रही की हाल ही में जो 5G स्पेक्ट्रम का ऑप्शन हुआ था भारत सरकार ने जो नीलामी की थी 5G के स्पेक्ट्रम की तो एक कंपनियां लाइन लगाकर खड़ी थी और डेढ़ लाख करोड़ का इन्होंने निवेश किया अब बारी आ चुकी है उसे निवेश की उगाही करने की और ये सब कुछ कस्टमर को करना पड़ेगा देखिए एक टर्मिनोलॉजी है आर पी यू इसे कहा जाता है 

एवरेज रिवेन्यू पर यूजर एक व्यक्ति से एवरेज कितना कमा लेती है कंपनियां सुन लीजिए हमारा जो जिओ है 181 रुपए कमाता है बात करें एयरटेल की तो वह ₹200 प्रति यूजर कमाता है एयरटेलने की जो 209 रुपए ले रहा है वह कम से कम उसका एवरेज रिवेन्यू पर यूजर जो है वह ₹300 हो जाएगा

अब मार्केट से उगाही शुरू हो चुकी है कंपनियां अब जो सर्विसेज दे रही है वहीं देखा जाए तो जो यूजर इस्तेमाल करते हैं लेकिन नए मोबाइल यूजर निकाल कर कम मात्रा में जैसे आज से 10 साल पहले होता था उसे स्पीड अप काम हो गई है ऑलमोस्ट सभी के पास मोबाइल पहुंच चुका है सभी के पास ना कहें तो ज्यादातर लोगों के पास पहुंच चुका है 

5G इंफ्रास्ट्रक्चर डालने के लिए 5G हर जगह पहुंचाना होगा इसमें पैसा लगेगा लागत रहेगी तो पैसा निकालने के लिए यूजर से पैसा लिया जा रहा है और यह जो हाई को ही है आम आदमी के लिए और इसीलिए बीएसएनल फिर से चर्चा में आ गया बाकी सभी कंपनियों ने अपने टैरिफ प्लान हाई करने की बात तो कह दी लेकिन बीएसएनल जहां का था ही नजर आ रहा है तो बीएसएनल इस वक्त सबसे सस्ता डाटा प्लान सबसे सस्ता टेलीफोन प्लान दे रहा है दिक्कत यह है कि बीएसएनएल की 4G अच्छी तरीके से रोल आउट नहीं कर पाया है कि भारत शहर है गांव हैं जहां तक 4G नहीं पहुंचता बीएसएनएल के पास में है यह और बैकग्राउंड इसके पास बहुत स्ट्रॉन्ग है जो हमारे देहाती इलाके हैं ग्रामीण किला के हैं वहां पर बीएसएनल ही चलता है वहां पर एयरटेल जिओ नहीं पहुंच पाया अभी तक तो ऐसी स्थिति में सिंसियर ली चाहे सीरियसली चाहे तो बीएसएनल इस वक्त सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन सकती है 

अगर भारत सरकार चाहे तो अगर भारत सरकार सही तरीके से इसमें रिफॉर्म लाइट अगर क्रांतिकारी बदलाव ले जाए बीएसएनएल के अंदर तो बीएसएनल तुरंत अंबानी को भारतीय एयरटेल वालों को सबको हरा सकता है दिक्कत यह है कि क्या बीएसएनल को रिवाइव करने की कोशिश की भी जाएगी और डूबा भी तो क्यों डूबा बीएसएनल लिए समझते हैं बीएसएनल सबसे पहले शुरू होने वाले टेलीकम्युनिकेशन एजेंसीज सन 2000 में लॉन्च हुआ था

उन्होंने बेहतर कस्टमर सर्विस देने शुरू किया कस्टमर के फोन अगर कुछ प्रॉब्लम आ जाए तो जल्दी उठाया करते थे प्राइवेट कंपनियां जल्दी इंस्टॉलेशन करवाती थी रिपेयर का काम आता तो भी ठीक करती थी और सारा कुछ एकदम जल्दी करके देती थी तो इसीलिए पॉपुलर होने लगी सारी प्राइवेट कंपनी इनकी स्पीड अच्छी थी कॉल ड्रॉप कम होते थे और जब इंटरनेट बम आने लगा भारत के अंदर 2009 के बाद तब उसके बाद में यह सारी कंपनियों ने अपनी स्पीड बढ़ा दी जबकि बीएसएनल अपनी स्पीड नहीं बढ़ा पाया था 

गोल गोल चक्कर घूमते रहता था वीडियो आगे नहीं बढ़ता था टेक्नोलॉजी कंज्यूमर जो सर्विसेज दिए जाती थी उसमें खराबी और 4G को पूरी जगह अप्लाई ना कर पाना यह सारी चीज बताता है कि क्यों बीएसएनल से लोग जो है छोड़कर चले गये

बीएसएनएल के ऊपर काफी सारे इल्जाम लगाए जाते हैं यह बताया जाता है कि जिस तरीके से बीएसएनल को हैंडल किया गया अगर इसे सही तरीके से हैंडल किया गया होता तो आज प्रीमियम कंपनी होती टेलीकम्युनिकेशन कंपनी होती भारत की 

लेकिन भारत सरकार ने इसे हैंडल करने में शायद उतनी स्ट्रिजेंट एक्टिविटी नहीं दिखाई इसमें बहुत सारी प्रॉब्लम्स है डेलेड मॉर्डनाइजेशन जब पूरी दुनिया 3G में जा चुकी थी तब भी बीएसएनएल 2G में चल रहा था जब पूरी दुनिया 4G में चली गई तभी बीएसएनएल 3G में जी रहा है प्राइवेट प्लेयर एयरटेल वोडाफोन जियो तो रेपिडली इन्होंने एहांस किया अपनी टेक्नोलॉजी को अपनी सर्विस को लेकिन बीएसएनल अपने स्ट्रक्चर पर काम नहीं किया 

बीएसएनएल के अंदर और इस वजह से नुकसान हुआ वहीं कई बार सवाल उठाए गए कि जो गवर्नमेंट की पॉलिसीज थी उनमें काफी डिले था वो नीतियां जो बीएसएनल को आगे बढ़ा सकती थी वो नीतियों को पारित करने में उन पर फैसला लेने में सरकारी जो एंटी तो उसने सही से काम नहीं किया काफी ज्यादा डिलेज ए पॉलिसी की डिसीजंस में फैसला लेने में बहुत दिक्कत आई स्पेक्ट्रम एलोकेशन में काफी ज्यादा परेशानी आईऔर फंडिंग के लिए अप्रूवल जल्दी नहीं किया 

भारत सरकार ने इसके चलते बीएसएनल डूबता चला गया

अब बात करे हर जिले में BSNL का 4G आ गया है और एकदम स्पीड के साथ चलता है एक बार आप भी BSNL का इस्तेमाल करे और महंगे जिओ वी को बाय बाय बोले

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