छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी अप मामले की जांच अब सीबीआई को सौंप दी है इसके अधिसूचना भी सोमवार को जारी कर दी गई गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि इस मामले में सवाल उठ रहे थे इसलिए अब केंद्रीय एजेंसी इसकी जांच करेगी उन्होंने कहा कि 70 कैसे महादेव अप के संबंध में दर्ज किए गए हैं यह कैसे स्थानीय स्थान में है एक योद् में भी है अभी मामला कई राज्यों में फैल रहा है इसके कुछ मुखिया विदेश में भी रहते हैं ऐसा सुनने में आया है गृहमंत्री शर्मा ने कहा कि विषय पर किसी भी प्रकार की कोई न भी नहीं बढ़ती जाएगी कठोरता के साथ कार्रवाई की जाएगी जो लोग विदेश में है उन्हें पड़कर भारत लाने की कार्रवाई भी की जाएगी रिपोर्ट के मुताबिक यह जांच सीबीआई को सौंप का फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि केंद्रीय एजेंसी सीबीआई बड़ी साजिश का पता लगाने और उन लोगों की भूमिका बेहतर ढंग से जांच करने में माहिर है जिनके नाम राज्य पुलिस की जांच में नहीं बताए गए थे
क्योंकि कई पुलिस अधिकारी भी कथित तौर पर इसमें शामिल है इसके अलावा चंद्राकर और रवि उप्पल का एक्सट्रैडिशन करवाने में भी बेहतर स्थिति में है सीबीआई ने राज्य की एजेंटीयों से जांच अपने हाथ में लेते हुए अपना खुद का नियमित कैसे यानी आरसी फिर से दर्ज की है जो सीबीआई के लिए फिर के बराबर है इसका मतलब यह है कि सीबीआई की केस में भी भूपेश बघेल का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज किए जाने की संभावना है बता दें कि हिंदुस्तान टाइम्स की 17 मार्च की अपनी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में उन्होंने बताया था कि छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा यानी ईओडब्ल्यू ने महादेव अप मामले में भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत धोखाधड़ी आपराधिक साजिश विश्वास घात और जल शादी के आरोप के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भूपेश बघेल को आरोपी बनाया है ओडब्ल्यू ने जुलाई में अपना आरोप पत्र दाखिल किया था
जिसमें आरोप लगाया गया था कि महादेव अप अभी भी चालू है लेकिन महादेव अप के प्रमोटरों ने ऑनलाइन सट्टेबाजी से संबंधित अपने आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई रोकने के लिए अलग-अलग पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ प्रभावशाली राजनीतिक हस्तियों का संरक्षण प्राप्त कर रखा है कहा जा रहा है कि सीबीआई राज्य पुलिस की चार सीट का भी विश्लेषण करेगी बता दें कि 4 मार्च को भूपेश बघेल के खिलाफ मामला तब दर्ज किया गया था जब एड ने छत्तीसगढ़ पुलिस को इस साल 8 और 30 जनवरी को अपने निष्कर्ष के आधार पर दो रेफरेंस भेजे थे जिसमें राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के संलिप्त की ओर इशारा किया गया था जो प्रोटेक्शन मनी के बदले महादेव अप की अवैध गतिविधियों की अनुमति दे रहे थे आरोप लगाया था कि चंद्राकर और उप्पल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड रुपए की रिश्वत दी थी दोनोंआरोपी वर्तमान में यूनाइटेड अरब अमीरात में हिरासत में है और विदेश मंत्रालय के माध्यम से उनके एक्सट्रैडिशन की रिक्वेस्ट पहले ही भेजी जा चुकी है तो महादेव सत्ता अप मामला सीबीआई को सौंप जाने के बाद यह देखना होगा कि सीबीआई इस मामले में क्या नए कुलसी करती है