छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू हुई अभी 4 दिन भी नहीं हुए हैं कि रबी सीजन में धान की बुवाई को लेकर सियासी बवाल शुरू हो गया है दरअसल पूर्व मंत्री नरेंद्र साहू ने आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश के कई जिलों में रबी के सीजन में धान बुवाई पर रोक लगा दी गई है इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से आदेश जारी किया गया है उनका यह भी आरोप है कि गांव गांव में इसके लिए मुनादी कराई जा रही है नरेंद्र साहू ने कहा कि किशन गंज या अफीम की खेती तो नहीं कर रहे हैं उन्हें धान बोने के लिए रोक नहीं जाना चाहिए ऐसा करना किसानों को हताश उत्साहित करने वाला फैसला होगा
वही कांग्रेस के आरोपों पर कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने जवाब देते हुए कहा है कि ऐसा कोई आदेश नहीं निकल गया है कांग्रेस अफवाह फैलाने वाली फैक्ट्री है कांग्रेस के नेता अनर्गल बयान वासी करते हैं लेकिन अगर देखा जाए तो रायपुर धमतरी और राजनांदगांव जिले में ऐसा आदेश जारी किया गया है
जिसमें साफ लिखा गया है कि किसानों को मक्का गेहूं राजी और दलहन फसलों के लिए प्रोत्साहित किया जाए तो सवाल यह भी होता है कि धान की बुवाई पर आखिर रोक क्यों लगाई गई
दरअसल छत्तीसगढ़ है तो कृषि प्रधान राज्य और इस सिद्धांत का कटोरा भी कहा जाता है लेकिन बीते कुछ सालों में भूमिगत जल का ज्यादा दोहन किया जाने से जलस्तर बेहद नीचे चला गया है वहीं धान की खेती के लिए ज्यादा पानी की जरूरत पड़ती है ऐसे में कई इलाकों में पानी की पूर्ति नहीं हो पाने के चलते फसल चौपट हो जाती है उसके कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है जबकि मक्का गेहूं राजी और दलहन फसलों में पानी की जरूरत कम पड़ती है धान की फसल की बात करें तो छत्तीसगढ़ में सिर्फ खरीफ सीजन में पैदा होने वाले धान की खरीदी सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर की जाती है जबकि रबी फसल को किसानों को खुले बाजार में बेचना पड़ता है जिसकी कीमत मिल संचालक या दलाल तय करते हैं ऐसे में किसानों को धान की सही कीमत भी नहीं मिल पाती किसानों के लिए वैज्ञानिक आधार पर देखा जाए तो फसल चक्र फायदेमंद होता है कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार एक जमीन पर बदल बदल कर फसल बोने से जमीन की फर्टिलिटी बनी रहती है और फसल का उत्पादन भी अच्छा होता है बस इन्हीं कर्म को देखते हुए प्रशासन की ओर से रबी के सीजन में धान के बदले दलहन तिलहन की बुवाई पर जोर दिया जा रहा है तो इस आदेश को लेकर आपकी कह रहा है हमें कमेंट कर जरूर