वित्त मंत्री ने दिया सदन में जवाब अपने दूसरे कार्यकाल के अंतिम दौर में सहारा इंडिया के निवेशकों के लिए राहत देने वाला फैसला लिया था सरकार ने सहारा इंडिया रिफंड पोर्टल लांच कर निवेशकों को अपने दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया था इसके बाद सरकार ने निवेशकों को पहली किस्त भी जारी कर दी थी लेकिन अब खबर यह भी है कि अभी तक कहीं निवेदक भटक रहे हैं और उन्हें पहचान नहीं मिला है
वहीं आज एक बार फिर से सदन में शहर की बकाया रकम को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी जानकारी दी है दरअसल सीकर से सांसद अमराराम ने लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान शहर और पीएचसीएल के निदेशकों से जुड़ा सवाल उठाया उन्होंने सदन के पटल पर प्रश्न रखा कि शहर और पीएचसीएल में अब तक कितने निवेश हुए थे और कितनों का पैसा रिफंड किया गया है उन्होंने 15000 करोड़ से ज्यादा जमा होने के बाद भी 138 करोड़ ही क्यों लौट आए गए इस पर पंकज चौधरी ने सेबी का आदेश का वाला देते हुए कहा कि 17000 के करीब लोगों ने ही आवेदन किया है इसमें 138 करोड रुपए दिया गया है वही मध्य प्रदेश के सतना से बीजेपी सांसद गणेश सिंहने कहा कि शहर और पीएचसीएल में निवेश करने वालों की संख्या लाखों में है सभी लोगों को अभी तक पैसा नहीं मिला है कुछ लोगों के पास तो कागज भी नहीं है
पोर्टल में यह तभी मान्य होगा जब आपके पास डॉक्यूमेंट होंगे साथ ही उन्होंने पूछा कि एजेंट के माध्यम से जिन्होंने पैसा निवेश किया था क्या सरकार उनके लिए कोई मेकैनिज्म डेवलप करेगी सवाल के जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब देते हुए कहा कि एक 138.7 करोड रुपए क्लेम किए गए थे जो की जारी कर दिए गए हैं 25781 करोड रुपए पूरा वितरण नहीं किया जाना है उन्होंने बताया कि सारे इंडिया की 18 संपत्तियां अटैक की गई है कोऑपरेटिव मिनिस्ट्री बनाए जाने के बाद क्लेम देने के लिए फंड की मांग की गई इसमें एक दशमलव 21 करोड रुपए क्लेम आए वहीं 374 करोड रुपए का क्लेम रिलीज कर दिया गया जस्टिस सुभाष रेड्डी कमिटी इस मामले पर निगरानी कर रही है पर एग्रो कोऑपरेटिव में एक दशमलव 25 करोड रुपए क्लेम आए थे इतने रिफंड 1021 करोड रुपए क्लेम दिए गए हैं जस्टिस लोढ़ा इसकी निगरानी कर रहे हैं वितटी मंत्री ने कहा कि जो भी लोग हैं
वह ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर क्लेम करें तीन जजों की कमेटी देखेगी और फिर क्लेम जारी किए जाएंगे सुप्रीम कोर्ट के तीन रिटायर्ड जज इसकी निगरानी कर रहे हैं वित्त मंत्री ने कहा कि निर्णय जजों की कमेटी ही करेगी हम इस पर सुझाव उनके साथ शेयर कर सकते हैं पर्ल कंपनी की 50000 करोड रुपए की प्रॉपर्टी कोर्ट कर निवेशकों के पैसे वापस करने को लेकर भी सवाल हुआ इस सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि 1017 करोड रुपए पर लेग्रो से रिकवर किए गए हैं लिटिगेशन की वजह से कहीं प्रॉपर्टीज का ऑप्शन नहीं किया जा सकता एमबी वाली का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पेपर होने के आधार पर ही हम ऑप्शन नहीं कर सकते प्रॉपर्टी को ऑप्शन करके देना होगा निश्चित रूप से देंगे जो पैसा हमारे हाथ में है उसी को लेने वाले हैं पहले हम भी चाहते हैं